लेखनी प्रतियोगिता -29-Dec-2021 जिंदगी के कड़वे सच
खुश रहना है तो जिंदगी के
फैसले अपने परिस्थिति को देख कर ले
दुनिया को देखकर जो फैसले लेते तो वो दुखी हि रहते है
जिंदगी के 5 कड़वे सच
1 मरने वाले के साथ कोई मरता नहीं।
2 अगर आपकी हर दुआ कुबूल होती तो आप अब तक स्वर्गवासी होते।
3 आपको सच में चाहने वाले ही आपसे सबसे ज्यादा नफरत करते हैं।
4 आपको पता होता है कि आप औकात से ज्यादा मांग रहे हैं। लेकिन आपको ही भरोसा है कि मिलने कहाँ वाला है। आप ऊपर वाले के मज़े ले रहे हैं और वो आपके।
5 आपको जो मिला है उसमें आप खुश रह जाते तो आपके जीवन में कोई भी दुख नहीं होता।
नम्बर 1.
आप जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं उसके मर जाने पर आपका भी मर जाने का प्लान हो सकता होगा। लेकिन आपको पूछा जाए कि कैसे मरोगे तो आपके पास शायद ही कोई जवाब हो!
अगर आपको विकल्प भी दिए जाएं तो आप ऐन मौके पर मुकर जाएंगे और दवा करेंगे कि अगले-अगली की याद के भरोसे मैं जी लूंगा।
इतना प्यार कोई किसी से करता नहीं,
मरने वाले के साथ कोई मरता नहीं।
नम्बर 2.
आपने भगवान से कहा होगा कभी-कभी, कि इस जिल्लत की जिंदगी से तो बेहतर है कि अपने पास बुला ले। अमूमन हफ्ते में दो बार तो बोल ही लेते होंगे।
भगवान इसको सीरियसली नहीं लेते। लेते होते तो आपके मजे नहीं लेते। तो चिल! जिंदगी है, उसे जियो और मजे करो। वरना भगवान आपके मजे ले ही रहा है।
नम्बर 3.
कभी अपने जीवन साथी से, अपने बच्चे से, अपने परिवार से छूटकर कुछ समय के लिए अकेले रहने की दुआएं मांगी हैं?
कभी अपने बेबी को रोते रहने दिया है? कभी रूठी हुई मम्मी को गुस्से में ना मनाने का प्रण लिया है? कभी पापा से बातचीत बंद की है ये सोचकर कि इनको समझा के मतलब नहीं है?
रिश्ते हमेशा सुखदायी नहीं होते। हर वक्त वो रेशम का दुपट्टा नही होते। जैसे तुम कभी कभी अपने अपनों से तंग आ जाते हो, वैसे ही वो भी तुमसे त्रस्त हो जाते हैं। वो भी कहते हैं कि मर जाता तो बेहतर होता।
अनन्य प्रेम केवल ईश्वर से संभव है। बाकी सब मोह-माया है।
नम्बर 4.
इसे मनुष्यों को समझाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। बाकी जीव हिंदी नहीं समझते तो मैं क्यों समझाऊं?
इसी तरह जब आपका मांगा हुआ आपको नहीं मिलता तो भगवान कहते हैं कि इसको इतनी सी बात समझ नही आ रही तो क्या कहूँ इससे? पॉइंट नम्बर 2 पे धकेल देता हूँ। समझ जाएगा।
नम्बर 5.
तुम्हारे दुख में दुनिया सुख खोज रही है।
नहीं हो यकीन तो अपने अंतर्मन में झांक कर देख लो! तुम भी लाइन तोड़ कर पहले कुछ पा जाना चाहते हो! तुम्हे भी वो चाहिए जो शायद किसी और कि प्रार्थना में हैं। तुम्हे अपने पास की संपत्ति की सार-संभाल के बजाय दूसरे की दौलत में से हिस्सा नही चाहिए?
देखो, जबतक कुछ परोसा हुआ खत्म नहीं करोगे, तबतक अगला भोग नहीं मिलेगा। अपनी थाली का आनंद लो। लालच का अंत अनंत भूख है। वो कभी खत्म नही होगी।
ऊपरवाले की भोजनशाला में जूठन नहीं होती।
कहानिकार
अजय कुमार
Shrishti pandey
30-Dec-2021 09:37 PM
Are waah
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Abhinav ji
30-Dec-2021 09:14 AM
सही है आपका कथन
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Nitish bhardwaj
29-Dec-2021 03:06 PM
बिल्कुल सही कहा है आपने एक एक बात हकीकत है भाई सच में लाजवाब बहुत खूब
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